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Wednesday 2 March 2016

श्री चिलनमा झा जिंदाबाद

ओकरा ,ओकरा आ ओकरा आगू बरहा आ एकरा ,एकरा आ एकर टांग खीच ।ऊ देखही ने बरा नील-टीनोपाल झारने छौ ,ओकरा दिस एक लौप कादो फेक ,देखही ने कनियो ने कनियो लागबे करतए ,नइ लागतै त' डरेबो त' करतौ आ डरा जेतओ त' कम सँ कम साइकिलक हेंडिल जरूरे खसकतै आ खसकतै त' ऊ गिरतौ ।ओकरा दिस ई ढ़ेपा ,ओकरा दिस ई छौंकी आ ओकरा दिस ई झूटकी फेक ।देखही बस खपटिए फेकबाक चाही ,डांगक युद्ध नइ थिकै ई ,नाहक केकरो लागि गेलौ त' खूनक मोकदमा हेतौ ।स्‍पष्‍ट प्रशंसा नइ स्‍पष्‍ट आलोचना नइ ,बस मुसकियाइत रहियौ ,बस....।ओकरा सटा लियौ त' ई सब फैदा ,ओकरा बजाबियौ त' ओहो आयत ।ओकरा हटेने रहू नइ त' ओ सब नराज भ' जेता ।ओकरा साथ रखबाक अछि त' रातिक एकांत मे बजाबियौ ,केओ देखै नइ ,केओ अनुमान तक नइ लगा सकै ।ई आदमी अहां के भविष्‍य मे काज देत ,तें एकरा ईग्‍नोर नइ करियौ ,कुनो ने कुनो लेई सँ सटेने रहू ।ई बरा लराकू टाईपक अछि ,एकरा आगू राखू ,ई कलम आ कोदारि सँ साथ रहत आ ई लेखक जेंका त' अछि मुदा अछि बरा चुप्‍पा ,एकरा एकदम पंजियेने रहू ,मंच ,पुरस्‍कार आ प्रकाशनक शताधिक अभियान मे एकरा सन खबास पूरा लेखक समुदाय मे नइ भेटत ।आ यदि फलनमा के धकियेबाक अछि त' चिलनमा के आगू राखू ,हम जनै छी जे चिलनमा अहांक प्रिय नइ अछि ,मुदा यदि अहां अपन प्रिय ठेकनमा के आगू करबै त'निश्चिते बूझू जे फलनमा आगू भ' जायत तें सब आदमी जोर सँ कहियौ श्री चिलनमा झा जिंदाबाद ।

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