औझका डायरी
काल्हि ऊ लता मंगेशकर बन’ चाहैत छलखिन ,परसू किशोरी अमोनकर ,आइ ऊ एकटा आई0ए0एस0 अधिकारी बन’ चाहैत छथिन ।सामंती मानसिकता सँ भरल एकटा मैथिल परिवारक ई प्रवृत्ति प्रगतिशील त’ कदापि नइ ,हँ पतनशील कहबा सँ बचि रहल छी ।बच्चाक शैक्षिक आ कैरियर चुनबा संबंधी स्वतंत्रताक सम्मान करैतो ,गार्जियनक आ समाजक प्रेरणा कें की कहल जाए ? कत लता जी आ कत’ एकटा सामान्य अधिकारी ,मुदा एकटा अर्धआधुनिक समाजक ई खास निशानी अछि ।ललबत्ती आ हूटर दिस निहारैत समाज....
काल्हि ऊ लता मंगेशकर बन’ चाहैत छलखिन ,परसू किशोरी अमोनकर ,आइ ऊ एकटा आई0ए0एस0 अधिकारी बन’ चाहैत छथिन ।सामंती मानसिकता सँ भरल एकटा मैथिल परिवारक ई प्रवृत्ति प्रगतिशील त’ कदापि नइ ,हँ पतनशील कहबा सँ बचि रहल छी ।बच्चाक शैक्षिक आ कैरियर चुनबा संबंधी स्वतंत्रताक सम्मान करैतो ,गार्जियनक आ समाजक प्रेरणा कें की कहल जाए ? कत लता जी आ कत’ एकटा सामान्य अधिकारी ,मुदा एकटा अर्धआधुनिक समाजक ई खास निशानी अछि ।ललबत्ती आ हूटर दिस निहारैत समाज....