आदरनीय सुरेश चौधरी जी(मास्टर साहेब)
प्रणाम ,आशा अछि दिनुका फोन वला संवाद अहां के यादि होयत ।आब फेर सँ फरिछा के कह' चाहै छी जे उदयनाचार्य मिथिला पुस्तकालय के चार छाड़ै लेल जे चंदा अहां मांगलौं ,से हम देबा मे असमर्थ छी ।जइ पइसा आ जइ कोष सँ अहां विद्यालयक शेष रूमक छड़ौनी करेबए तहिया कोष सँ कनेक पुस्तकालय पर सेहो ध्यान द' देबै ।आब पुस्तकालयक स्थिति अहां सँ बांचल त' अछि नइ ।अहां त' देखते हेबै जे कत्ते आदमी पुस्तकालय पर परहै लेल आबैत छथिन आ कत्ते लोक कें एकर श्रीवृद्धिक चिन्ता छै ,तखन जे हम पागल जँका पुस्तकालयक चून-सिमेंट मे पइसा लगबी से कोन लेल । की गामक सबसँ पैघ बूड़बक हमहीं छी ।यदि छीहो त' ऐ बेरूका लेल माफी ।
प्रणाम ,आशा अछि दिनुका फोन वला संवाद अहां के यादि होयत ।आब फेर सँ फरिछा के कह' चाहै छी जे उदयनाचार्य मिथिला पुस्तकालय के चार छाड़ै लेल जे चंदा अहां मांगलौं ,से हम देबा मे असमर्थ छी ।जइ पइसा आ जइ कोष सँ अहां विद्यालयक शेष रूमक छड़ौनी करेबए तहिया कोष सँ कनेक पुस्तकालय पर सेहो ध्यान द' देबै ।आब पुस्तकालयक स्थिति अहां सँ बांचल त' अछि नइ ।अहां त' देखते हेबै जे कत्ते आदमी पुस्तकालय पर परहै लेल आबैत छथिन आ कत्ते लोक कें एकर श्रीवृद्धिक चिन्ता छै ,तखन जे हम पागल जँका पुस्तकालयक चून-सिमेंट मे पइसा लगबी से कोन लेल । की गामक सबसँ पैघ बूड़बक हमहीं छी ।यदि छीहो त' ऐ बेरूका लेल माफी ।
अहीं के -.......... दिनुका फोन वला संवाद अहां के यादि होयत ।आब फेर सँ फरिछा के कह' चाहै छी जे उदयनाचार्य मिथिला पुस्तकालय के चार छाड़ै लेल जे चंदा अहां मांगलौं ,से हम देबा मे असमर्थ छी ।जइ पइसा आ जइ कोष सँ अहां विद्यालयक शेष रूमक छड़ौनी करेबए तहिया कोष सँ कनेक पुस्तकालय पर सेहो ध्यान द' देबै ।आब पुस्तकालयक स्थिति अहां सँ बांचल त' अछि नइ ।अहां त' देखते हेबै जे कत्ते आदमी पुस्तकालय पर परहै लेल आबैत छथिन आ कत्ते लोक कें एकर श्रीवृद्धिक चिन्ता छै ,तखन जे हम पागल जँका पुस्तकालयक चून-सिमेंट मे पइसा लगबी से कोन लेल । की गामक सबसँ पैघ बूड़बक हमहीं छी ।यदि छीहो त' ऐ बेरूका लेल माफी ।
अहीं के -..........
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