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Thursday 30 May 2013

यात्री त’ जुलुम क’ देलखिन

यात्री त’ जुलुम क’ देलखिन
बेंग संग टर्राय सँ मना केलखिन
सही कहै छियै दोस
यात्री त’ अन्‍हेरगर्दी मचा देलखिन
चुट्टी पांति मे चलबा सँ मना केलखिन
अपने सत्‍त बजै छी मीता
यात्री त’ गीज-मथि देलखिन
प्रश्‍नचिह्न लगा देलखिन सुग्‍गाशास्‍त्र पर
यात्री त’ गजपटा देलखिन
भेड़दौड़ मे रहबा सँ मना केलखिन
एकदम सच दोस
यात्री अलसियाई छलखिन कोढि़ जँका
चंगेरा,छिट्टा,ढ़ाकी संग चलबा सँ मना केलखिन

Wednesday 22 May 2013

परिणाम

विहनि कथा-26 परिणाम एकटा महिला डाक्टरसँ" डाक्टर साहेब कने अल्ट्रासाउण्ड कऽ दिअ ।" डाक्टर बाजल "किए बेटी नै सोहाइत अछि की ?जँ भ्रुण हत्या चाहैत छी तँ हम नै करब ।" ओ महिला कने हड़बड़ाइत बाजल "नै नै, हमर खानदानमे बेटी नै अछि ।बेटीये चाही ।" ओकर मुखारबिन्दपर झूठ झलकि रहल छल ।बात बढ़बैत "जँ बेटी हएत तँ दूना फीस देब ।" दूना फीस सूनि लोभ वस डाक्टर झूठ कहलकै जे बेटीये अछि । किछु दिन बाद ओ महिला बच्चा खसा लेलक ।एहि क्रममे माए बनबाक क्षमतो नै बचलै ।तखन पता चललै जे असलमे भ्रुण बेटेक छलै ।आँखि नोरा गेलै ।आब जीवन भरि नि:सन्तान रहबाक दुख जीवाक ताकत खतम कऽ देने छलै । झूठ आ हत्याक बड भारी परिणाम भेटलै ओकरा । अमित मिश्र

Tuesday 21 May 2013

ई कून हूनर वौआ कि

ई कून हूनर वौआ कि
एना हकारैत छी सबके
कि आयलो जा सकै छै
आ नहियो
हूनर कलकतिया कि
एना आग्रह करै छी कि
लेलो जा सकै छै आ नहियो
कि ई बम्‍बईया हूनर
परसै एना कि
गिरितो छैक आ सठबो नइ करै
बजबै छी एना कि
आबू त' बड्ड नीक
आ नइ आबू त' हरहर गंगे
आबी तैयो घरवारिके क' स्‍वागत करी
पानि-नूनक व्‍यवस्‍था
आ घरवारिके क' पसीना सुखएबाक उपक्रम
ई हूनर विलायती कि
अपने भीट्टा क' बसबीट्टी मे उगलै

Saturday 18 May 2013

मैथिली क’ सीना पर बड़का टा रद्दा

नजरि उठा के नइ देखै
केओ बात नइ करै
तखन कनफूसकी
बाद मे हल्‍ला भेलै
 कि मैथिली क’ सीना पर बड़का टा रद्दा    गिर पड़लै
ने ओ उठती ने बैसती र
बातचित कोना
मूड़ी तक डोलएबाक गुंजाइश नइ
 एकटा हल्‍ला ई रहै कि ई रद्दा हिंदीक   रद्दा  छैक
किछु लोक एकरा भोजपुरी,नेपाली,अंग्रेजीक सेहो कहथिन
ई कनफूसकी मारिपीट आ घिन घिन घिनाउज मे ब‍दलि गेलै
आ तमाशा राष्‍ट्रीय पर्यटन के रूप ध’ लेलक
गामक गाम ,जेरक जेर आदमी सब आब’ लागल
जत्‍ते लोक ओत्‍ते बात
कखनो कखनो त’ एकेटा लोक हजार रंगक बात करै
गीतकार ,गायक सब एला
आ अपन अपन छंद,लय मे गाबै लगला
नेता सब झूम’ लागला मंच माईक देखि
दलाल सब दोकान बैसाब’ लागल
किछु एहनो एला जनिकर आंखिक रोशनी आ कानक अवाज सही साबूत रहै
आ चश्‍मा रहै त’ सही पावरक
ओ रसे-रसे मैथिली दिस घूमला
आगू डेग बरहेला
ताबते किछु कवि,नेता,दलाल चिकरलक
पकड़ पकड़
मार मार
ई मां मैथिली क’ अपमानित कर’ चाहैत अछि
दलाल सबके रहै डर तमाशा जल्दिए खतम भ’ जेतै
ओ की खाएत कि पहिरत
विवेकी लोक बान्‍हल गेला
आ हुनका राखल गेल परोपट्टा क’ सबसँ उंच स्‍थान पर
आब तमाशा बदलि गेल छलै
आब जिज्ञासा ई रहै कि पतित के कोन सजा देल जाए
ओना पतित बान्‍हलो हाथे अपन डायरी भरैत रहै
ओ देखि लेने रहै मैथिली क’ देह पर विशाल रद्दा के
ओ खींचि नेने रहै रद्दा राखनाहरक फोटो
आंहू जानैत छियै ओ केकर फोटो छियै
अपन देह मे संचित विवेक क’ क्षणांश लेल स्‍मरण करियौ
सप्‍पत खेबा खुएबाक काज नइ
फोटो समक्ष भ’ जाएत ।

Sunday 5 May 2013

कदीमा

कवि कहलखिन कि बेटी-डांटी कदीमे बूझू
पानि खाद देबाक जरूरी नइ
कदीमा कविक नदानी पर मुसकुरा देलकै
आ चक्‍कू बूझै हम बड़ तेज
हम बड़ तिजाब
आ कदीमा हँसै ऐ बुधियारी पर
आ पूरा दुनिया सजमनि कदीमा भ' गेल रहै
तेज साबित करबा लेल बेर बेर गिरै कदीमा पर
आ लोक-वेदक चलाक दलाल सब
दोसर के खिसिया के कदीमा कहै
आ कदीमाक विटामिन सब मारै ठहक्‍का
ऐ भोथमरी चलाकी पर
दुनिया क' स्‍वार्थ सब सूखब' लागै आलू -परोड़ के
आ कदीमा अपन स्‍नेह सँ लसफसा दै
कदीमा कखनो के कानै आ सरापै
'हम ऐय्याशी क' डिश नइ
हम मेंजन एकादशा,द्वादसा क'