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Tuesday 17 September 2013

समै बड्ड कम

सिकंदरो बूझैत रहै
समै बड्ड कम
मुदा सैनिक सब किछु आर
आ ऐ सब सँ निचैन
धरती अपने चालि चलैत रहलै
जतबे ध्रुव पर
ओतबे सूर्यक चारू दिस