बौहमारा देशक कत्ते स्तुति करी
कत्ते चरण पखारी बेटीमारा देशक
कोन हाथे आरती उतारी बेटीबेच्चा देशक
कोना पूजी बांहि कंठ दाबैवला के
ओइ हूनर पर लिखता कविता फलां बाबू
कि कोना लाश के जल्दी जराबल जाए
आ ओइ सामाजिकता पर दिल जीतता फलां बाबू
कि बौहमारा सभ कें कोना बचाबल जाए थाना-पुलिस सँ
आ फलां बाबू खन हँसैत खन कानैत साबित क' देता
कि फलां गाम वाली क' मरनै कत्ते जरूरी छलै
ऐ खानदान ,गाम आ समाजक लेल
ओकर हँस्सी ,ओकर बात बेवहार
चालि-ढ़ालि कत्ते अगलगौन छलै
ओकर आंचर ओकर घोघ
ओकर बोली ओकर डेग
टपि के कहिया ने छोडि़ देलकै गामक सीमान
कत्ते चरण पखारी बेटीमारा देशक
कोन हाथे आरती उतारी बेटीबेच्चा देशक
कोना पूजी बांहि कंठ दाबैवला के
ओइ हूनर पर लिखता कविता फलां बाबू
कि कोना लाश के जल्दी जराबल जाए
आ ओइ सामाजिकता पर दिल जीतता फलां बाबू
कि बौहमारा सभ कें कोना बचाबल जाए थाना-पुलिस सँ
आ फलां बाबू खन हँसैत खन कानैत साबित क' देता
कि फलां गाम वाली क' मरनै कत्ते जरूरी छलै
ऐ खानदान ,गाम आ समाजक लेल
ओकर हँस्सी ,ओकर बात बेवहार
चालि-ढ़ालि कत्ते अगलगौन छलै
ओकर आंचर ओकर घोघ
ओकर बोली ओकर डेग
टपि के कहिया ने छोडि़ देलकै गामक सीमान