अहां जे छियै आ जे अनुभव करै छियै ,से नइ लिखबै ,बल्कि जे बड़का लेखक ,कवि कहि देलखिन ओकरे लिखबै आ हुनके जँका लिखबै ,तखन अहां लिखते कथी लेल छी ।आ कालिदास आ विद्यापति भेनए एते असान छलै तखन त' ई देश साल मे दू-चारि टा कालिदास जरूरे उपजा के कोठी मे नुका के वा मंदिर मे सजा के राखतै छल ,मुदा से त' भेलै नइ ,विद्यापति के नकल केनिहार एकोटा बाद वला विद्यापति कतौ कहां देखाइत छैक ।
प्रेम के बूझलियै नइ ,प्रेम मे पड़लियै नइ ,प्रेम के सराहलियै नइ ,सकारलियै नइ मुदा लिखनै शुरू क' देलियै प्रेम पर आ प्रेम पर लिखनै त' बड असान छइ ने ,तें लिखैत रहू जे फननमा/फलनमी कत्ते सुंदर छैक ,कत्ते नीक आ ओ नइ रहतै त' कत्ते फर्क पड़तै ।ओकर अंग-प्रत्यंग ,बात-व्यवहार क प्रशंसा ,संगक सत्कार आ बिछोहक दुखक वर्णन आ बस भ' गेलै प्रेम..............ई सब रीतिवादी प्रेम भेलै ,एहन प्रेम जे सब ठाम मिलि जाइत छैक आ जइ मे शास्त्रक अनुशासन बेसी आ आत्माक गन्ह नदारद बुझाइत छैक ।
लिख' लागलियै देश पर आ पंद्रह अगस्त ,छब्बीस जनवरी ,दू अक्तूबर आ आनोआन तिथि पर वैह पिष्टपेषण ,बढि़ जाउ त' प्रांत सब पर ,भाषा सब पर ,नदी आ वनस्पति सब पर ।दू-चारि टा गारि इंग्लैंड आ अमेरिकाक लेल आ कनेक आर आगू आयब तखन पाकिस्तान आ चीनक लेल ।बस देशप्रेमक परिधि एतबे ।स्टॉक एतै खतम ।
तहिना परिवारक सभ व्यक्ति,गुरू,स्त्री ,माए-बाप ,भाए ,दोस आदि पर लिखल कविता एकबगाह नइ हेबाक चाही ।एहनो नइ जे कृतिम सामंजस्य भेल होए ,बल्कि नीक साहित्य विभिन्न भाव विचार ,इतिहास आ वर्तमानक संश्लेष करैत मागै भले नइ देखबै प्रश्नाकुलता जरूर पैदा करैत छैक ।मुदा सबसँ महत्वपूर्ण छैक ईमानदारी ।हरेक स्तर पर जे बूझैत छी ,वैह कहू आ ओतबे पर बल दिय' ।पाखण्ड ,लफ्फाजी ,डपोरशंखी वृत्ति सँ मैथिली क' हला-भला होए वला नइ .........
प्रेम के बूझलियै नइ ,प्रेम मे पड़लियै नइ ,प्रेम के सराहलियै नइ ,सकारलियै नइ मुदा लिखनै शुरू क' देलियै प्रेम पर आ प्रेम पर लिखनै त' बड असान छइ ने ,तें लिखैत रहू जे फननमा/फलनमी कत्ते सुंदर छैक ,कत्ते नीक आ ओ नइ रहतै त' कत्ते फर्क पड़तै ।ओकर अंग-प्रत्यंग ,बात-व्यवहार क प्रशंसा ,संगक सत्कार आ बिछोहक दुखक वर्णन आ बस भ' गेलै प्रेम..............ई सब रीतिवादी प्रेम भेलै ,एहन प्रेम जे सब ठाम मिलि जाइत छैक आ जइ मे शास्त्रक अनुशासन बेसी आ आत्माक गन्ह नदारद बुझाइत छैक ।
लिख' लागलियै देश पर आ पंद्रह अगस्त ,छब्बीस जनवरी ,दू अक्तूबर आ आनोआन तिथि पर वैह पिष्टपेषण ,बढि़ जाउ त' प्रांत सब पर ,भाषा सब पर ,नदी आ वनस्पति सब पर ।दू-चारि टा गारि इंग्लैंड आ अमेरिकाक लेल आ कनेक आर आगू आयब तखन पाकिस्तान आ चीनक लेल ।बस देशप्रेमक परिधि एतबे ।स्टॉक एतै खतम ।
तहिना परिवारक सभ व्यक्ति,गुरू,स्त्री ,माए-बाप ,भाए ,दोस आदि पर लिखल कविता एकबगाह नइ हेबाक चाही ।एहनो नइ जे कृतिम सामंजस्य भेल होए ,बल्कि नीक साहित्य विभिन्न भाव विचार ,इतिहास आ वर्तमानक संश्लेष करैत मागै भले नइ देखबै प्रश्नाकुलता जरूर पैदा करैत छैक ।मुदा सबसँ महत्वपूर्ण छैक ईमानदारी ।हरेक स्तर पर जे बूझैत छी ,वैह कहू आ ओतबे पर बल दिय' ।पाखण्ड ,लफ्फाजी ,डपोरशंखी वृत्ति सँ मैथिली क' हला-भला होए वला नइ .........
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