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Wednesday 4 December 2013

कुकुरहटि

अधराति क समै ,दू-तीन बाजैत हेतै ।नीन  कुकुर सभक कुकुरहटि सॅु टुटल ।एके साथ एते कुकुरक अवाज ।आवाजो मे भारी वैविध्‍य ।कखनो सम कखनो विषम ताल ।एगो शिशुक अवाज बड्ड धीरे-धीरे सुर निकालैत रहै ,दोसर ततबे जल्‍दी-जल्‍दी ,पता नइ कथीक जल्‍दी रहै ,अहां पूछि सकै छियै जे ओ जे रसे-रसे सुर निकालै छलै ,ओकर सुस्‍तीक कोन कारण ।आब एखन ओकर कारणक खोज केनए ठीक नइ ,हम त' ओइ दिनका बात कहै छी भाय ,हँ ठीके कहलौं दिनका नइ अधरातिक ।


                                         सबसॅं जे भरिगर आवाज रहै जे कुनो मोट-डांट कुकुरक रहै ,तइ मे सुर-तालक नितांत अभाव ।हमरा मने ई ओइ ग्रुपक नेता रहै ,ई रेगुलर बाजैत रहै ,आ एकरा बाजिते सब कुकुर सब मिला-जुला के बाजनै शुरू क' दए ।जेना मोटका कुकुर आवाहन करैत होए ।ई मोटका कुकुर बिना मेहनत के बाजैत रहै ,मुदा एकरा बाजिते ग्रुप मे जेना चेतनाक संचार भ' जाए ,सब एक सुर सँ पाछू चलबाक लेल तैयार ।
किछु एहनो अवाज रहै जे कखनो-कखनो पता चलै ।कुनो निरंतरता नइ ,कुनो समय आ आवृत्तिक धियान नइ ,शायद ई  सौंदर्यधर्मी सब रहै दिन तका क' आबै वला ।मुदा ई सम्‍मेलन कथी लेल रहै ,एखनो पता नइ चलै छैक ।गाम मे रहितौं आ केओ बुरहा सन रहितथि त' निश्चितरूपेण ओकरा टोल सँ बाहर करबाक उपक्रम भेल रहतै ,पता नइ कोन यमक दूत आबि गेल होए ,मुदा ऐ ठाम त' र्इ सोचनएओ अपराध ।

                                       ईहो भ' सकै छै जे कुनो चोर मुहल्‍ला मे घूसि गेल हो ,या फेर जाड़े बढि़ गेल हो ,ई नइ भ' सकै छे जे सब भूक्‍खे-पियासे बेहाल होए या फेर कुनो नवजात के रतिघूमूवा जानवर उठा के ल' गेल होए आ ई सब ताकैत-ताकैत अपसियांत ........

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