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Monday 9 December 2013

प्रतीक

राजपूतक ईलाका रहै ,मतलब ई जे ईलाकाक सबसॅं प्रमुख ,दबंग आ झौंसगर जाति राजपूतक रहै आ राजपूतक प्रमुख व्‍यवसाय ठीकेदारी रहै ,ठीकेदारीक अलावा दोसर प्रमुख बिजनेस भाड़ा पर गाड़ी चलेनए ,गाड़ी में बस ,ट्रक ,ट्रेक्‍टर ,जीप ,क्रेन सब रहै ।आ ई बिजनेस सब तरहक राजपूत मे लोकप्रिय रहै ।मातवर राजपूत सब क्रेन चलाबथिन आ कमजोर सब ट्रेक्‍टर सँ एक चास ,दू चास........


                                                            आ राजपूतो मे जातिक प्रति लगाव एक रंग नइ ,जे पहिल सीरही पर रहथिन से अपन बसक नाम 'राजा जी' ,'महराजा जी' आ 'रघुकूल बस सर्विस' सन राखथिन ।दोसर सीरही परक लोक सब 'ठाकुर' ,'राजपूत' ,'सूर्यवंशी बस सर्विस' ,'महाराणा प्रताप बस सर्विस' आदि नाम राखथिन ।तेसर सीरही वला लोक सब अपन बस पर 'तलवार', 'टंकार' ,'हुंकार'  केओ-केओ चक्रवात आ तूफान सेहो राखै ,जे बड्ड काबिल बूझै अपना के ओ हिटलर तक आबै ।ओना हिटलर नाम आनो जाति मे ओतबे लोकप्रिय रहै ।तहिना बच्‍चा सभक नाम 'वीर विक्रम' ,'संग्राम' ,'प्रताप' ,'अजीत' आदि राखल जाए ,आ बात एहनो नइ कि ई बात केवल राजपूते सब मे रहै ,सब जातिक अपन-अपन खोंता आ अपन-अपने महफा रहै ,सबकें अपन-अपन घोघ रहै आ सबहक अलग-अलग नाम,प्रतीक ।मुदा नशा-दारू ,पिहकारी-हिहकारी ब्रह्म जँका सर्वत्र विद्यमान रहै.......

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