अलबत्ते नाम रहै दोकानक ,'ठण्डौआ गरम' ।लोक सब मिठाय आ सिंघाड़ा आदिक दोकानक नाम सबहक कटिंग,स्टायलक प्रति निश्चिंत रहैत छथिन ।ई नबका नाम कनेक हलचल मचबैत लागलै ।तरहक-तरहक विश्लेषण शुरू भ' गेलै ,कोन मेंजन आ कोन मसल्ला ।किछु आदमी साहसक परिचय दैत दोकानक आगू -पाछू घूमलखिन ।दोकानक बोर्ड पर 108 ,786 ,श्री गणेश,वाहे गुरू किछु नइ लिखल छलै ।ई स्टायल बेश निराशोत्पादक रहलै ।एक-दू दिनक बाद किछु आर साहसी गोटे दोकान मे पैसलखिन ,मुदा कुनो कोना मे गणेश जीक फोटो वा कुरानक सुलेख मौजूद नइ रहै ।किछु आर साहसी लोकनि अंदर घूसि के गल्लाक सर्वेक्षण केलखिन ,मुदा ओहियो पर ने कुनो धर्मक चिह्न ने नेबो मिरचायक निशान ।दुकनदार सँ बात करबाक प्रयास कएल गेलै ,सोचल गेलै कि यदि उर्दू शब्दक बाहुल्य हेतै तखन मुसलमान मानल जाए आ यदि पंजाबी शब्दक तखन सिख ।हाय रे दैवा ,दुकनदरबा त' हमरो सँ बेशी बुधियार आ सब बात मे मुसकियाई केवल ।हमरे सब मे सँ जे सबसँ बेशी काबिल रहथिन से सब कोना के निरीक्षण शुरू क' देलखिन ,एक कोना मे भारत माताक मंदिर मिललै ,आब बात कीलियर भ' गेलै जे ओ हिन्दू हेतै ताबते एकटा मस्जिदक फोटो मिलि गेलै ।
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