Followers

Friday 22 November 2013

खट्टाचूक

बस स्‍टैंड पर प्रतीक्षा करैत युवा दम्‍पति आ संग मे चारि टा बच्‍चा ,बच्‍चा क' उपस्थिति ऐ बातक साक्ष्‍य कि ओ दम्‍पति छथि ।चारि टा बच्‍चा ऐ बातक प्रमाण कि युवा दम्‍पति ओतबो युवा नइ रहलखिन ।छठिक भीड़ ,रोड ,बजार आ स्‍टेशन ,स्‍टैंड पर जकथक आदमी ।दम्‍पति मे पुरूष अपन सासुर आ स्‍त्री अपन नैहर सँ विदा होइत ।स्‍वाभाविक रहै जे मोटा-चोटा क' अकार बढि़ गेलै ।बस दरभंगा सँ चलतै ,समस्‍तीपुर मे किछु पसिंजर के बैसेतए आ रांची लेल विदा भ' जेतै ।बस वला चारिए बजे बजेने छलै ,फेर कहलकै सवा पांच आ अखन सात बाजैत छलै ,मुदा बसक कुनो अता-पता नइ छलै ।आदमी क' संख्‍या छह आ सीट दू टा ,दू टा स्‍लीपर आ दूटा स्‍टूल ।बस मे स्‍टूल सीटक आविष्‍कार बिहारे मे भेलै आ पुरूष ऐ स्‍टूल सीटक प्रकृति आ रौतका हिल्‍लमडोलक कल्‍पना करैत मुंह बिचका रहल छथि ,हुनकर ध्‍यान सात-आठ सालक बेटीक मांग पर टूटैत अछि ,मांग माए सँ छैक आ अंचारक ।जाइत काल माए एक बूइयाम अंचार सनेस द' देने छथिन ,बुचिया देख नेने छैक ।पिता अंचारक मांग पर आंखि गुर्रैत छथिन ।हुनकर क्रोध अंचारो पर ,बेटियो पर आ कनियो पर छैन ,शायत सासुओ ,सासुरो पर आ छठियो पर ।साहस जुटबैत कनियां अंचारक सनेस खोलैत एकटा फांक बुच्‍ची के दैत छथिन ,पति दोसर दिस देखैत भनभनाबैत समै काटैत छथिन आ एमहर कनियां अपन बेटी के खट्टाचूक होइत मुंह मे अपन नेनपन देखैत मुसकियाइत छथिन ।

No comments:

Post a Comment