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Saturday 16 November 2013

रे खरहा

देखियौ ने रंग कत्‍ते दकदक
(रंग पर नइ जो वौआ)
आ कान केहन ठार छै
देह मे पानि त' देखियौ
खन एत्‍त' खन पार छै
(प्रशंसा लेल नइ मर)
जाग जाग खरहा ,मोंख पर मोटका बिलार छै

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