ऐ बेर गाम मे एकटा आयोजन छल ,आ आयोजने बीच केओ चप्पल चोरा लेलक ।संभव छैक
केकरो सँ बदला गेल होए ,मुदा एकाध घंटाक प्रयासोक बीच भेटल नइ ।गाम पर
आबिते झोरा तैयार छल आ शहर जेबाक जल्दी ,तें बिना कुनो ना-नुकुरि केने माए
द्वारा देल बाबूक पुरनका चप्पल पहिर बाहर आबि गेलौं ।चप्पल मे कतेको जगह
सीयल जेबाक निशान रहै ,तैयो चप्पल मजगूत रहै ,आ गाम सँ चारि सौ किलोमीटर
तक कुनो प्रकारक दिक्कत नइ भेल ।
ऐठाम एलाक बाद कनियां कनि जे मुंह -नाक बनेलथि ,चप्पल ऐठामक चप्पल सब मे मिलि गेलै ।ने चप्पल देखै सुनै मे खराप रहै ने तुरत्ते कुनो टुटबाक डर ,तें हम मौका-बेमौका पहिरैत रहलौं ,हां कहियो-काल कनियां के कहला पर जरूर बदलि दैत रहियै ।आ चप्पलो बिना कोना दाना पानि के हमरा दुआरि पर रह' लागल ।बस कनियां ओकरा स्थान बदलैत काल ,या बाढ़नि लगबै काल कने जोर सँ धक्का दैत छलखिन आ फेर ई बात कि 'बाप रे बाप ई चप्पल पहिरै वला छैक ' ।
ऐठाम एलाक बाद कनियां कनि जे मुंह -नाक बनेलथि ,चप्पल ऐठामक चप्पल सब मे मिलि गेलै ।ने चप्पल देखै सुनै मे खराप रहै ने तुरत्ते कुनो टुटबाक डर ,तें हम मौका-बेमौका पहिरैत रहलौं ,हां कहियो-काल कनियां के कहला पर जरूर बदलि दैत रहियै ।आ चप्पलो बिना कोना दाना पानि के हमरा दुआरि पर रह' लागल ।बस कनियां ओकरा स्थान बदलैत काल ,या बाढ़नि लगबै काल कने जोर सँ धक्का दैत छलखिन आ फेर ई बात कि 'बाप रे बाप ई चप्पल पहिरै वला छैक ' ।
एकदिन भोर मे घूमैत काल चप्पल टूटि गेल ।कुनो पुराने
जोड़ पर टूटल रहै ,आ हम नंगराबैत-नंगराबैत कहुना गामपर पहुंचलौ ।हमरा
नंगराबैत देखि कनियां कुनो अज्ञात संभावना सँ चिकडि़ उठली ।हम आश्वस्त
केलिएन ,जे एहन कुनो बात नइ ,हम स्वस्थ छी ,बस चप्पल कनि डिस्टर्ब क'
देलक ।आ हमरा बिनु पूछने ओ चप्पल उठा सामने वला मैदान मे फेकि देलखिन ।हम
रोकबाक प्रयास केलियइ ,मुदा ओ किछु नइ सुनलखिन ।चप्पल फेका गेल छलै ,मुदा
बेसी दूर नइ रहै ।ऐ ठाम सँ ओकर फीता ,डंटी आ पूरा देह देखाइत रहै ।अगिला
दिन आर लोक सब मैदान मे कूड़ा फेक' लागलखिन आ चप्पल कनेक एकात मे भ' गेलै
,मुदा एखनो तक ओ ओहिना देखाइत रहै ।एक बेर मून भेल जे कनियां सँ चोरा के
ओकरा घर ल' आनी ।कनियां सूतल रहथिन ,मुदा जें कि उठलौं ओ फेर उठि गेली आ
पूछ' लागलखिन 'चाय त' नइ पीयब '।
भोरका समै छलै आ कनियां नहेलाक बाद पूजाक तैयारी मे रहथिन ,हम एकाएक उठलियै आ मैदान दिसि विदा भ' गेलियै ।औखन केओ जागल नइ रहै ,बस एगो-दूगो कुकुर सब एमहर-ओमहर ताकैत रहै ।हमरा मैदान मे घूसिते बगल वला गोला कुकुर हमरा दिसि ताक' लागल ।एकबेर त' डर भेल ,फेर साहस क' के दूनू चप्पल उठा लेलौं ।चप्पल पर बहुत रास पन्नी आ पाकल आमक सड़लका छिल्का रहै ।जल्दी सँ ओकरा झटकैत सांस के बारने रोड पर वापस एलौं ।आब आबि के फेर एकबेर जोर सँ सांस लेलौं आ कूड़ाक ढ़ेर दिसि फेर सँ धियान गेल ।ऐ चप्पल के की कएल जाए ।
ऐ चप्पल के घर मे राखनै ठीक नइ ।कनियां त' जे बखेरा करती ओ करबे करती ।ई चप्पल एकटा बीतल युगक कैलिडोस्कोप नेने घर मे घूसि गेल रहै ,मुदा एकर ऑरिजनल जग्घ' त' कतै आर छलै ।ई चप्पल हमर पिताक प्रमुख अस्त्र छल ।जखन जखन ओ क्रोध मे आबै छलखिन ,थापड़ आ मुक्काक प्रहार नइ करै छलखिन ,बस निकालि के चप्पल हमरा आ हमरा सब भाई-बहिन के्............. ।तें ई बीतल युगक एकटा अस्त्र छलै ,जेकरा लेल जगहक गुंजाइश ऐ घर मे नइ रहै ।ई चप्पल आब बस सम्हारि के देखै-देखबै लेल जोगा के राखै क चीज रहै ।अफसोस हमरा पास एत्ते जगह नइ कि हम संग्रहालय बनाबी .........
भोरका समै छलै आ कनियां नहेलाक बाद पूजाक तैयारी मे रहथिन ,हम एकाएक उठलियै आ मैदान दिसि विदा भ' गेलियै ।औखन केओ जागल नइ रहै ,बस एगो-दूगो कुकुर सब एमहर-ओमहर ताकैत रहै ।हमरा मैदान मे घूसिते बगल वला गोला कुकुर हमरा दिसि ताक' लागल ।एकबेर त' डर भेल ,फेर साहस क' के दूनू चप्पल उठा लेलौं ।चप्पल पर बहुत रास पन्नी आ पाकल आमक सड़लका छिल्का रहै ।जल्दी सँ ओकरा झटकैत सांस के बारने रोड पर वापस एलौं ।आब आबि के फेर एकबेर जोर सँ सांस लेलौं आ कूड़ाक ढ़ेर दिसि फेर सँ धियान गेल ।ऐ चप्पल के की कएल जाए ।
ऐ चप्पल के घर मे राखनै ठीक नइ ।कनियां त' जे बखेरा करती ओ करबे करती ।ई चप्पल एकटा बीतल युगक कैलिडोस्कोप नेने घर मे घूसि गेल रहै ,मुदा एकर ऑरिजनल जग्घ' त' कतै आर छलै ।ई चप्पल हमर पिताक प्रमुख अस्त्र छल ।जखन जखन ओ क्रोध मे आबै छलखिन ,थापड़ आ मुक्काक प्रहार नइ करै छलखिन ,बस निकालि के चप्पल हमरा आ हमरा सब भाई-बहिन के्............. ।तें ई बीतल युगक एकटा अस्त्र छलै ,जेकरा लेल जगहक गुंजाइश ऐ घर मे नइ रहै ।ई चप्पल आब बस सम्हारि के देखै-देखबै लेल जोगा के राखै क चीज रहै ।अफसोस हमरा पास एत्ते जगह नइ कि हम संग्रहालय बनाबी .........
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