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Thursday 4 July 2013

अल्‍हुआ

अल्‍हुओ खेने रहै सप्‍पत
जा तक बरहब नइ
बाहर नइ निकलब
जमीनक बाहर पसारने लाल-‍हरियर लत्‍ती
लोक कें भरमाबैत रहै
आ नीच्‍चा मे जमा करैत
खूब रास कार्बोहाइड्रेट
एत्‍ते मिठास कि
कुसियारो के ईर्ष्‍या होए
कखनो-कखनो कीड़ा मकोड़ा सेहो
सटि के चाटनै शुरू करए
आ धरती पर आबिते
रूपया मे पसेरी
भूक्‍खल ,अधभूक्‍खल,जोगाड़ी
व्रती साधु, सन्‍यासी
कांच ,उसनल ,पकाएल
दूध ,दही ,तीमन संग
अल्‍हुआ तिरपित कर' लागै
बिना पूछने गाम टोल जाति
आ फलां गांव वाली फेर घूमि रहल छथिन
नेने दौरी-चंगेरा
नेने उधारक आस
रूपया मे पसेरी अल्‍हुआ निराश नइ करतै

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