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Friday 14 June 2013

यादि रहै

यादि रहै कि आइ रवि दिन
आ हमर माथ रांगल मेंहदी सँ
जेना डेकची पर लेवा गोरिया माटिक
यादि रहै हम गाम सँ बीस जिला दूर
आ बाबू भोरे निकलि गेला
देखै लेल बित्‍ता भरिक गहूम
आ माए भरि दिन रहती दरवज्‍जा दिस देखैत
यादि रहै हमर गामक दूरी बेगूसराय सँ दस कोस
तें भेटत कोनो टेढ़ शब्‍द
त' मुसकिया के हटि जायब
आ हमरा यादि अछि
जे अहां लिखने छी एकटा शब्‍दकोष
आहूं के यादि रहै
जे बड कठिन छैक शब्‍दकोष देखिके कविता लिखनए
यादि रहै जे हमर मकान
घेरल-घारल स'र सोलकन सँ
आ प्राय: विनिमय नोन ,पानि ,जोरन आ शब्‍दक
तें यदि भेट जाए कोनो अपभ्रंश शब्‍द ,परंपरा आ ठहक्‍का
हटि जाएब बाट बदलि
यादि रहै हम बहुत संस्‍कृत
आ बहुते मुंहफट्ट
मुदा उधारक गारि देनए
बड मोसकिल लागैत अछि
आ यादि रहै हम अपने बात कहैत छियै
तें यदि कुकुर के कुत्‍ता कही
त' खराब नइ मानब

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