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Sunday 5 May 2013

कदीमा

कवि कहलखिन कि बेटी-डांटी कदीमे बूझू
पानि खाद देबाक जरूरी नइ
कदीमा कविक नदानी पर मुसकुरा देलकै
आ चक्‍कू बूझै हम बड़ तेज
हम बड़ तिजाब
आ कदीमा हँसै ऐ बुधियारी पर
आ पूरा दुनिया सजमनि कदीमा भ' गेल रहै
तेज साबित करबा लेल बेर बेर गिरै कदीमा पर
आ लोक-वेदक चलाक दलाल सब
दोसर के खिसिया के कदीमा कहै
आ कदीमाक विटामिन सब मारै ठहक्‍का
ऐ भोथमरी चलाकी पर
दुनिया क' स्‍वार्थ सब सूखब' लागै आलू -परोड़ के
आ कदीमा अपन स्‍नेह सँ लसफसा दै
कदीमा कखनो के कानै आ सरापै
'हम ऐय्याशी क' डिश नइ
हम मेंजन एकादशा,द्वादसा क'

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