आइ तऽ पांचमे दिन
नवरातिक चारि दिन बचले बचल
मुदा नइ गिलाइत ई आलू ,सिंघाड़ा कऽ रोटी
आ सेंधा नमक मे सट्टल पाखंड
बूझऽ दे भूखक रंग
स्वाद लियऽ दे पानि के
थाहऽ दे अपन पेटक धैर्य
नापबें तऽ नापि ले
जलक कैलोरी मूल्य
मुदा साबूरदाना कऽ बात नइ कर
हम देखऽ चाहैत छियइ ओ व्रत
जे देशक कोटि कोटि जनता
बिना पतरे गुणेने राखैत छैक
पाप-पुण्यक कोन बात रहल
तमाशा तऽ खतम हेबे करतै
बस हम्मर झंडी कऽ इंतजार कर
प्रयोग जारी रहऽ दे
आब बचबे कएल कत्ते दिन ?
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