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Tuesday 20 March 2012

डॉक्‍टर साहेब गाम मे

ऐ बेर डॉक्‍टर साहेब गाम के नवीन दृष्टि सँ देखलखिन । लागलए एना जे डॉक्‍टर साहेब आंखि सँ देखइ के बदला एक्‍स-रे सँ देखैत छथिन ।देखनइ कम छेदनइ भेदनइ बेशी । लोक-वेद ,अगल-बगल,गाछी-बिरछी सभ के ऐ चश्‍मा सँ की ई सब तत्‍व क्‍लीनिक चलेबा मे कत्‍ते मदद करतेन । हुनका हवा-पानि ,कक्‍का-बाबा,दोस-महिम सभ मे एकटा योग्‍य दलाल देखेलेन ।एहन दलाल ,जे अप्‍पन कमीशन राखए आ ठीकठाक (आर्थिक दृष्टि सँ) लोक के आनए ।
आब डॉक्‍टर लोकनिक आलोचना के डॉक्‍टर साहेब मुसकुरा मुसकुरा के सुनै छथिन ।ऐ परिचर्चा मे हुनकर अप्‍पन बिजनेस सुधरबा क' मौका
देखाइत छनि।लोक बुझइ छइ कि ई डॉक्‍टर त' आनंदमूर्ति छैक आ डॉक्‍टर साहेब बूझैत छथिन जे ई बिजनेस करबा क' अछि ,तखन ई सब त' सुनइए पड़त ।

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