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Friday 27 January 2012

***तीन रंगक पताका***
तीन रंगक पताका फहरायब आकाश मे .
ताधरि लड़ब जाधरि ताकत अछि साँस मे .
नुका गेला माँ-बाबु एखने बदलि लहाश मे ,
जान पर खेल रोक लगेलौँ दुश्मनक विकाश मे ,
कतेक नव कनियाँ भ' गेली विधवा ,
मुदा खुश छथि उज्जर लिवाश मे ,
आइ 1947 अगस्त पनरह आजादी भेट गेलै ,
धरती सजल लागै जेना मधुमास मे ,
आइ 2012 मे फेर सँ गुलाम छी ,
भ्रष्टाचार ,घुसखोरी दहेजक आश मे ,
चोरी-डकैती.अपहरण बम धमाका ,
फसल छै सब लचारी कए फाँस मे ,
कहिया भेटत आजादी के सब लड़त ,
सेँध लागल "अमित" हमर विश्वास मे . . . । ।
गणतंत्र दिवसक शुभकामना ।
अमित मिश्र

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