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Saturday 26 November 2011

दोस महिम 3





गीत गाबैत श्‍लोक पढ़ैत
 उद्धरणक बरसा करैत
कखनो प्रेरक प्रसंग
कखनो वेद पुराण
तहिना अर्थराजनीति
कखनो भकुआइ
अकछी कखनो
दोस देवता देखाथिन
दया बेचैत
ओ छली फरेबी वंचक
बहुरूपिया छलइ
कखनो कालिदास
विद्यापति जपइ छलइ
महान ज्ञानी नइ
जानकार छलइ
फंसा लै छलै
कोनो चरचा मे
मनबा लै छलै बात
भ जाइ छलियइ चित्‍त
पटो मे किछु नइ करैत छलियइ
ओ कखनो बीमा
कखनो कविता
कखनो किताब बेचि पड़ा जाइत छल ।
ओ आब चुप अछि
ने दुश्‍मनीक बात
ने दोस्‍ती क चर्चा छइ
काल्हि फेर आयत
कोनो नया डिब्‍बा पेटी किताब
मोबाईल स्‍कीम नेने
हम फेर चित्‍त हेबइ
ओ फेर भूतिया जायत
अपन बटुआ सम्‍हारैत ।

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