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Thursday, 24 November 2011

दोस महिम 2

आब दोस डेली बतियाइ छथिन
सामना सामनी नइ त' फोने सँ
थाहइ छथिन
कोन नस कत्‍त' सँ पकड़ी
थाहैत छछारैत मुस्कियाइ छथिन
हम दबि रहल छी हुनकर जानकारी सँ
कालिदास मैथिली मोहम्‍मद रफी
आब हुनको प्रिय विषय अछि
पहिले मिलबा सँ बचैत रही
आब नइ आबइ छथिन
त' कोनादिन लागैत अछि
दोस तमाकू जँका
ठोर कब्जियेने जाइ छथि
आ भांग जँका दिमाग
की कही
दिमाग त पहिले सँ
हफीमियाइल अछि
दोस एता
ओ कहता
आ हम करब
यद्यपि नफा नुकसान जनइ छी
मुदा दोस शिष्‍ट बना गेला
बाजइ भूकइक तरीका
नीक जँका सीखा गेला

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