ई दसभैय्या क' आंगन छलै ,ओना त' तीनू खूंट मिलाके एगारह टा भाय रहथिन ,तैयो दसभैय्या नाम बेशी लोकप्रिय रहै ।नमहर टा आंगन आ तीन दिस सँ रस्ता ।राति के पूबरिया गेट पर चचरी वला फाटक लागि जाए ,पच्छिम दिस वला आ उत्तरवरिया गेट खुलल रहै ।उत्तरवरिया गेट सँ ज'र-जनाना सब दुरूखा बाटे राति-बिराति दिसा मैदान करबा लेल निकलै छलै आ पछबरिया गेट सँ राति के औरत आ पुरूख सभक आवाजाही भरि राति चलैत रहै ।राति के लगभग सब पुरूख दलाने पर सूतैत छलखिन या कनि कालक लेल अंगना आबैत रहथिन ।ई कनी काल बड़का रहस्य रहै बच्चा सभक लेल ,पुरूखक लेल पता नइ की आ जनाना सभक लेल एकटा जोरदार ठहक्का ।राति के दुआरि ,अंगना आ दलान चौकी आ खाट सँ भरल रहै ।दलान पर पुरूख पात्र आ अांगन मे जनाना सब ।एकदम लाईन सँ सजाओल खाट सब आ समै-समै पर उठैत औरत आ मर्द सब ,अपना-अपना घर मे घूसैत ।'किछु कालक' रहस्य अपन चेहरा पर सँ परदा हटबैत छलै किछु गोटाक वास्ते ,आनक लेल ई रहस्य बनल रहै ,शनै:शनै: रहस्य कम लोकप्रिय ,कम उत्तेजक बनैत गेलै............
(रूपाली)
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