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Saturday 8 March 2014

अनहारक आंखि मे कत्‍ते काजर

हयौ अहां के ने अछि बारह बिगहा भीट्टा
आ चौबीस बिगहा धनखेत्‍ता
बाबाक बनाओल हवेली एखनो जगजगाड़ अछि
हमरा सब के त' बच्‍चे मे निकल' पड़लै गाम सँ
असंख्‍य चेतावनी ,डरक रस्‍ता बाटे
आ बिसरि गेलियै कि ऐ मे कोन आर्शीवाद आ कोन गारि रहै
अहां के ने छल असंख्‍य विकल्‍प
ई नइ त' ई आ ई नइ त' ई
हम जिमहरे गेलियइ
जैह सीरही चरहलियै
निचलका सीरही सब गुम होइत गेलै
अहां के ने छल टारच ,लालटेम आ गैसलाईट
हमर डिबिया या त' भकभकाईत रहै
या फेर आंखि गुरेरने हम ताकैत रहियै
आ थाहैत रहियै अनहार के
कि ऐ अनहारक आंखि मे कत्‍ते काजर

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