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Tuesday 24 December 2013

सजमनि

मंगलकी बिया सँ सजमनि जनमै-बरहै- लतरै
छारल पूरा चार मुंह दूसै
दू टा मूड़ी कक्‍का चार ,दू टा भैया चार
बरहै-भागै -हूसै
सबहक धियान बाबू फूल्‍ली पर बाती पर
जे नइ पाबै रूसै
मांगै आ बदलौन करै
चोरबै ,नुकबै ,टूसै

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