दीपालीक एगो मौसी रहथिन ,अपन नइ दियाद-फरीक वला ।जखन दीपाली सात-आठ सालक
रहथिन तखने सँ हुनकर दशाधिक चित्र दिमाग मे आबैत रहैन ।सब चित्र मे मौसीक
हँसैत-मुसकियाइत ....खूब गोर,नार समतोल बान्ह ।मद्धिम अवाज ,धीर-गंभीर चालि ,मुदा
हाथ्ा मे चु़डी नइ ,माथ मे सिंदुर नइ ,साड़ी मे लहक-चहक नइ ,माथ मे बेशी तेल नइ
,मुंह मे पाउडर-स्नो नइ ।ऐ बातक पता बाद मे चललै कि मौसी बाल-विधवा छथिन ।आठम मे
वियाह भेल छलै आ एगारहम मे दुरागमन ।दीपालीक बा एक दिन कानैत कहलखिन जे जखन वियाह
भेल रहै तखन मौसा एगारह बरखक छलखिन आ मौसा-मौसा मे खूब लड़ाई होए ।लड़ाई होए कखनो
कनिया-पूतरा खेल मे त’ कखनो खाए-पीयै क’ लेल आ कखनो विद्ध-बाध मे ।
मौसी प्राय: खूब स्नेह सँ दीपाली सँ बतियाथिन आ अपन भतीजी कें नेमनचूस-बिस्कुट दैत काल दीपालियो के दैत छलखिन ।हुनकर भतीजी वन्दना आ दीपाली मे बात-बतौअल आ मुंहफुलौअल होए तखन मौसी बीच-बचाव करैत रहथिन ।ओइ समय मे दीपाली कें पता नइ रहेन कि मौसी बाल-विधवा छथिन ।दुरागमनक छह साल बाद मौसा आबैत रहथिन दरभंगा सँ ।तीला संकरांति सँ दू दिन पहिले या बाद यादि नइ ।कुहेसक दिन रहै ,लाठी भरिक अगिला-पछिला नइ देखाइ ।बागमती पर रोड वला पुल नइ रहै ,तें लोक सब नाव सँ पार होइत रहथिन ,मुदा कखनो-काल लोक रेलवे पुलक उपयोग सेहो करैत रहथिन आ ओइ दिन मौसा सेहो यैह गलती केलखिन ,आ जें कि पुल पर घुसलखिन ,ओमहर सँ रेल अएबाक अवाज सुनेलेन , मौसा जल्दी सँ पार करबाक प्रयास केलखिन ,दौड़बा मे दिक भेलेन त’ साइकिल कें माथ पर उठा लेलखिन ,मुदा अंत मे साइकिल कें छोड़’ पड़लेन ।मौसा साइकिल छोडि़ पुल कें टपबा लेल तेजी सँ भागलखिन ,एक क्षण लेल लागलेन कि पार भ’ छथिन मुदा...........
मौसी प्राय: खूब स्नेह सँ दीपाली सँ बतियाथिन आ अपन भतीजी कें नेमनचूस-बिस्कुट दैत काल दीपालियो के दैत छलखिन ।हुनकर भतीजी वन्दना आ दीपाली मे बात-बतौअल आ मुंहफुलौअल होए तखन मौसी बीच-बचाव करैत रहथिन ।ओइ समय मे दीपाली कें पता नइ रहेन कि मौसी बाल-विधवा छथिन ।दुरागमनक छह साल बाद मौसा आबैत रहथिन दरभंगा सँ ।तीला संकरांति सँ दू दिन पहिले या बाद यादि नइ ।कुहेसक दिन रहै ,लाठी भरिक अगिला-पछिला नइ देखाइ ।बागमती पर रोड वला पुल नइ रहै ,तें लोक सब नाव सँ पार होइत रहथिन ,मुदा कखनो-काल लोक रेलवे पुलक उपयोग सेहो करैत रहथिन आ ओइ दिन मौसा सेहो यैह गलती केलखिन ,आ जें कि पुल पर घुसलखिन ,ओमहर सँ रेल अएबाक अवाज सुनेलेन , मौसा जल्दी सँ पार करबाक प्रयास केलखिन ,दौड़बा मे दिक भेलेन त’ साइकिल कें माथ पर उठा लेलखिन ,मुदा अंत मे साइकिल कें छोड़’ पड़लेन ।मौसा साइकिल छोडि़ पुल कें टपबा लेल तेजी सँ भागलखिन ,एक क्षण लेल लागलेन कि पार भ’ छथिन मुदा...........
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