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Tuesday 23 July 2013

आम 3

ओइ साल एत्‍ते आम भेलै
कि बच्‍चा सब टिकला बिछैत-बिछैत तबाह
आ छोटकी कनियां के हाथ कसौंझी बनबैत बनबैत भकभकाईत रहै
तहिना काकी आ भौजी अंचारक मसल्‍ला कूटैत कूटैत परेशान
आ जखन पाकलै तखन बूझू जे
सोहारी संग ,भात संग आ चूड़ा संग
जतबे कतरा ,गारा ,ओतबे चोभा
आ आम विद्यमान रहै ब्रह्म जँका
सभ ठाम भनसा घर ,कोठी पर
आ बौआक झोरा मे गोसाउनिक घर
चिनुआर आ कोनियां घर
कखनो गमकै कखनो भभकै
आ टोल -पड़ोस आ गाम घर
सौंसे छिलका ,आंठी आ सरलका सब
आ चंगेरा-पथिया भरि बेन आ भार
भरिया सब अलगे अकछल
भारक बोइन सेहो आमे छलै
आ तहिना धनिक आ मातवर सब
चौक-चौबटिया आ गाछी मे
लाठी संग तैयार
',खाए पड़त ,नइ कोना खेबए'
सिवाय मनरू झा के
जे त्‍यागि सकै छला अपन कंजूसीक चोला
मुदा ओ खाइते रहला उतरल स्‍वादक संग
आ एमहर बा बितबैत रहली जुलाई-अगस्‍त
आंगन आ कोठा पर रौद मे
अम्‍मट पाड़ैत बा
देखलखिन सपना साल भरिक भरल-पूरल चिनुआरक

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