महाकविक गाम पूरा क' पूरा सिमेंटेड भ' गेलै
महाकविक गाम पूरा क' पूरा चकमका उठलै
महाकविक गाम आगू-पाछू चिक्कन भ' गेलै
ओहने चिक्कन जेहन कवि जी क' भाषा
महाकविक गाम जुडि़ गेलै जिला आ रजधानी सँ
जेना महाकवि जुड़ल रहथिन
आ ट्रक सब चल' लागलै साठि के स्पीड मे
जेना कवियो लिखैत रहथिन
सब टोल बन्हा गेलै सिमेंटेड रोड सँ
जेना बान्हैत रहथिन कविजी अपन छान सँ
आ सब किछु बाहर भ' गेलै
नइ रहलै कुनो जिज्ञासा वला बात
नइ रहलै कुनो आदर-भाव
नइ गिर' लागलै देखिते लोर
कखनो नइ छूलक कोनो वासंती समीर
ने अकचकेलक कुनो एमहर ओमहर वला बात
सब बात तेहने जेना हाथ मे राखल लताम
जेना कक्का गाछक सिनुरिया आम
जेना दू दू चारि
जेना भैयाक सारि
महाकविक गाम पूरा क' पूरा चकमका उठलै
महाकविक गाम आगू-पाछू चिक्कन भ' गेलै
ओहने चिक्कन जेहन कवि जी क' भाषा
महाकविक गाम जुडि़ गेलै जिला आ रजधानी सँ
जेना महाकवि जुड़ल रहथिन
आ ट्रक सब चल' लागलै साठि के स्पीड मे
जेना कवियो लिखैत रहथिन
सब टोल बन्हा गेलै सिमेंटेड रोड सँ
जेना बान्हैत रहथिन कविजी अपन छान सँ
आ सब किछु बाहर भ' गेलै
नइ रहलै कुनो जिज्ञासा वला बात
नइ रहलै कुनो आदर-भाव
नइ गिर' लागलै देखिते लोर
कखनो नइ छूलक कोनो वासंती समीर
ने अकचकेलक कुनो एमहर ओमहर वला बात
सब बात तेहने जेना हाथ मे राखल लताम
जेना कक्का गाछक सिनुरिया आम
जेना दू दू चारि
जेना भैयाक सारि
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