Followers

Thursday 13 June 2013

उतरैत गेलै रंग गंध सुआद

बितैत गेलै क्षण ,वर्ष
उतरैत गेलै अन्‍न
उतरैत गेलै फल
उतरैत गेलै गंध ,सुआद,रूप
आ कखनो काज-अकाज
कखनो रोग-विरोग
बस समय्ये गानैत रहि गेलौं
धरती भेजैत रहल
एकसँ एक सनेस
रंग-रंगक धान मखान
मकई मड़ुआ जनेर
लुच्‍ची जामून बरहर
कटहर तरबूज सवा सेर
आ ‘बस काल्हि’ क’ फेरा मे
भंग होइत रहल प्रकृतिक विधान
फेर बीति रहल एक सीजन
फेर बीकि रहल एक ठेला
फेर ओतबे ठूसमठूस काज
फेर ओहने यादि
कखनो जामुनक लेल
कखनो बरहरक लेल

No comments:

Post a Comment