छुतहर घैल जनमे सँ छुतहर नइ छलै
जनमे सँ नइ छलै ऐ मे धोइन-धाइन
जनमे सँ नइ रखाइ आंठि-कूठि
ईहो कुमहिनियाक माथ पर आयल छलै
ईहो अछिंजल सँ धुआयल छलै
तुलसी गंगाजल एकरो भाग्य मे छलै
गृहस्थक अन्न-पानि
दूध-दही
भाग-सोहाग ओतबे
जत्ते छुतहर घैल के
आ एकदिन एकाएक
पवित्र घट बनि गेलै छुतहर घैल
कोनो अपवित्रक अस्पर्श
लिखा गेलै एकरा माथ पर
भाग लिखा गेलै करिया लोहा सँ
आ एकर जग्गह रहै
कोनो पोखरि कात
कोनो गाछी कोनो रोड कात
बाध वन एकात
मुदा ई भगगर रहै
गिरहत राखि लेलखिन
दलान पर एकात मे
लोक-वेद बच्चा धियापूता सँ दूर
आ ई संग्रहिणी बनि गेलै
सब उच्छिष्टक स्वर्ग
आ माछी पिलुआ क' असंख्य जातिक संग रहैत
छुतहर घैल बड्ड मोसकिल सँ रोकि पाबै अपन हँसी
जखन गिरहत अपन नाक मूनै
खखसै फेकै थूक खखार
आ हँसे छुतहर घैलक भाग्य
जनमे सँ नइ छलै ऐ मे धोइन-धाइन
जनमे सँ नइ रखाइ आंठि-कूठि
ईहो कुमहिनियाक माथ पर आयल छलै
ईहो अछिंजल सँ धुआयल छलै
तुलसी गंगाजल एकरो भाग्य मे छलै
गृहस्थक अन्न-पानि
दूध-दही
भाग-सोहाग ओतबे
जत्ते छुतहर घैल के
आ एकदिन एकाएक
पवित्र घट बनि गेलै छुतहर घैल
कोनो अपवित्रक अस्पर्श
लिखा गेलै एकरा माथ पर
भाग लिखा गेलै करिया लोहा सँ
आ एकर जग्गह रहै
कोनो पोखरि कात
कोनो गाछी कोनो रोड कात
बाध वन एकात
मुदा ई भगगर रहै
गिरहत राखि लेलखिन
दलान पर एकात मे
लोक-वेद बच्चा धियापूता सँ दूर
आ ई संग्रहिणी बनि गेलै
सब उच्छिष्टक स्वर्ग
आ माछी पिलुआ क' असंख्य जातिक संग रहैत
छुतहर घैल बड्ड मोसकिल सँ रोकि पाबै अपन हँसी
जखन गिरहत अपन नाक मूनै
खखसै फेकै थूक खखार
आ हँसे छुतहर घैलक भाग्य
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