साओन पूर्णिमाक दिन आ भीजल बाट
ने बेशी कादो ने साफ-सुक्खल
तैयो धोती बचबैत विदा भेलौं
नीरस भाय अपन लतामक प्रशंसा कहैत कहलखिन
वौआ रे पहिले बारहो महीना कतौ ने कतौ
एगो दूगो मिले जेतौ छल
आब त' डांटे नइ छैक
उमेर एकर हमर बड़का वौआ एते
आ मीठ त' वौओ सँ बेशी
रामसेवक घर बनाब' लागलखिन
तें दू टा ठांडि़ काट' पड़ल
मिथिलांचल वस्त्रालय ओहिना ठाढ़ छलै भकोभंड
राखी के दिन मे कपड़ा के खरीदए
आ छुन्नू पंडित राखिए मे उन्नीस-बीस करैत भेटला
शंभू जी एक मुट्ठी राखी राखने पान लाड़ैत
एकदम पिजेने
जजिमान सभ कें यादि करैत
नाम,गुण,ओकादि
केशव भाय साफे कहलखिन
जे मौह वाली क' जमीन हमरा नइ चाही
ने हम आगि देबै ने जमीन लेब
आ वौआ रे मरलै जे मौहवाली
सब के जोगी झा हमरे घर दिस भेजए
जे आगि त' आहीं द' सकैत छियइ
हम कहलिएन जे जमीन जोगी झा के
पासबुक जोगी झा के आ आगि दिअइ हम
आ वौआ रे पूरा नौटंकी आ तामझाम रहेन हुनकर
मुदा हम नइ फसलौं आ चलि देलैां बाध दिस जनेर कटवा लेल ।
दया बाबू बड़ा सजा के राखने छलखिन राखी
पुरनका स्टॉक सेहो मिला के
देखैत छियइ कते बिकैत छैक बारह बजे तक
हम आ सुनील बाबू गप्प लसियाबैत
सबसँ हिट बात ई छलै जे
मंगल बाबूक तबियत कोना खराब भेलै
केओ कहै मंगल बाबू मरसैब पनिभरनी क' राखि लेलखिन
आ बेटा बड्ड मारि मारलकेन
केओ कहै बड़का बेटा महाराष्ट्र मे मुसलमनिया सँ बियाह क' लेलकै
आ मरसैब रहि गेलखिन मोंछ पिजबैत
आ अही दुखे जहर खा लेलखिन
अपना आप के खुफिया बुझैत सुपारी लाल कहलखिन जे
इसकुले मे पकड़ा गेलखिन ने
अपन गामे के बचिया संग
आ गौंआ सब मारबो केलकेन आ बान्हियो के राखलकेन
श्रीकांतजी क' विचार छल जे मरसैब जे पछुएैत में एकटा खद्धा खूनने छथिन
ओहिए मे विश्वशांतिक लेल तपस्या प्रारंभ क' देने छथिन
ताबते लालनक साईकिल गिरलै
मझिला वौआ साईकिल सम्हारैत
हमरा दिस कह' लागलै बिन पूछनैए
बड़का वौआ तीन साल सँ बंबई सँ नइ लौटल
जहिया सँ घर बनेलक
आ जहिया सँ बौह बसेलक
रोड पर यातायात बढि़ गेल छलै
भाय-बहिन सभ अपना मिशन पर
पुरहित सभ अलगे मुदित
सूर्यदेवक ताप बढ़' लागलै
ने बेशी कादो ने साफ-सुक्खल
तैयो धोती बचबैत विदा भेलौं
नीरस भाय अपन लतामक प्रशंसा कहैत कहलखिन
वौआ रे पहिले बारहो महीना कतौ ने कतौ
एगो दूगो मिले जेतौ छल
आब त' डांटे नइ छैक
उमेर एकर हमर बड़का वौआ एते
आ मीठ त' वौओ सँ बेशी
रामसेवक घर बनाब' लागलखिन
तें दू टा ठांडि़ काट' पड़ल
मिथिलांचल वस्त्रालय ओहिना ठाढ़ छलै भकोभंड
राखी के दिन मे कपड़ा के खरीदए
आ छुन्नू पंडित राखिए मे उन्नीस-बीस करैत भेटला
शंभू जी एक मुट्ठी राखी राखने पान लाड़ैत
एकदम पिजेने
जजिमान सभ कें यादि करैत
नाम,गुण,ओकादि
केशव भाय साफे कहलखिन
जे मौह वाली क' जमीन हमरा नइ चाही
ने हम आगि देबै ने जमीन लेब
आ वौआ रे मरलै जे मौहवाली
सब के जोगी झा हमरे घर दिस भेजए
जे आगि त' आहीं द' सकैत छियइ
हम कहलिएन जे जमीन जोगी झा के
पासबुक जोगी झा के आ आगि दिअइ हम
आ वौआ रे पूरा नौटंकी आ तामझाम रहेन हुनकर
मुदा हम नइ फसलौं आ चलि देलैां बाध दिस जनेर कटवा लेल ।
दया बाबू बड़ा सजा के राखने छलखिन राखी
पुरनका स्टॉक सेहो मिला के
देखैत छियइ कते बिकैत छैक बारह बजे तक
हम आ सुनील बाबू गप्प लसियाबैत
सबसँ हिट बात ई छलै जे
मंगल बाबूक तबियत कोना खराब भेलै
केओ कहै मंगल बाबू मरसैब पनिभरनी क' राखि लेलखिन
आ बेटा बड्ड मारि मारलकेन
केओ कहै बड़का बेटा महाराष्ट्र मे मुसलमनिया सँ बियाह क' लेलकै
आ मरसैब रहि गेलखिन मोंछ पिजबैत
आ अही दुखे जहर खा लेलखिन
अपना आप के खुफिया बुझैत सुपारी लाल कहलखिन जे
इसकुले मे पकड़ा गेलखिन ने
अपन गामे के बचिया संग
आ गौंआ सब मारबो केलकेन आ बान्हियो के राखलकेन
श्रीकांतजी क' विचार छल जे मरसैब जे पछुएैत में एकटा खद्धा खूनने छथिन
ओहिए मे विश्वशांतिक लेल तपस्या प्रारंभ क' देने छथिन
ताबते लालनक साईकिल गिरलै
मझिला वौआ साईकिल सम्हारैत
हमरा दिस कह' लागलै बिन पूछनैए
बड़का वौआ तीन साल सँ बंबई सँ नइ लौटल
जहिया सँ घर बनेलक
आ जहिया सँ बौह बसेलक
रोड पर यातायात बढि़ गेल छलै
भाय-बहिन सभ अपना मिशन पर
पुरहित सभ अलगे मुदित
सूर्यदेवक ताप बढ़' लागलै
No comments:
Post a Comment