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Sunday 6 May 2012


जें की सरकार बदलत ,पूराक पूरा कर्मचारी ,अधिकारी सभ बदल' लागत ,छिपली आ मटकूरी मे नइ ढ़ाकी क' ढ़ाकी । आ ई कोनो आश्‍चर्यक विषय नइ , तें जत्‍ते जल्‍दी संभव होए अपना मून सँ आश्‍चर्य कें विदा करू ।...परेशान जुनि हो ,बात बूझबा क' प्रयास करियौ , केवल भ्रष्‍टाचारक बात रहितै ,तखन एकर निंदा ,आलोचना आ अन्‍य काज कएल जा सकै छलै ,मतलब ? मतलब ई जे सरकार जे आश्‍वासन देलकै ,सच वा झूठ तकरा पूरा करबाक लेल आदमियो चाही ने ,आ फेर अहॉ ई नइ कहियौ जे आदमी क' मतलब ई नइ भेलै जे जातिक बहुलता देखि के डी0एम0 आ एस0पी0 नियुक्‍त कएल जाए ,मतलब दरभंगा मे कोनो ब्राह्मण ,मधेपुरा मे यादव आ बेगुसराय मे भूमिहारे पात्र छैक ,से बला बात उचित नइ ....... आ देखियौ केवल जाति ,घोषणा ,नियुक्ति पर विचार केनाए छोडि़ एगो आर चीज पर ध्‍यान दियौ कोनो चुनाव मे जे करोड़ो अरबों रूपया खर्च होइत छैक ओ कोना ऊपर हेतै ,ताहि लेल ट्रांसफर ,पोस्टिंग सबसँ फिक्‍स्ड इनकम बला काम बूझू ।कोनो कलक्‍टर पांच साल लेल चारि-पांच करोड़ द' सकै छैक आ नजदीके कोनो चुनाव होए तखन त' दस करोड़ ,तखन ई काज किएक ने कएल जाए ? हल्‍ला गुल्‍ला कम आ काज मालदार ।जें की नबका सरकार बनत चपरासी सँ ल' के कलक्‍टर तक पूछरी हिलेनइ शुरू क' देत ,तखन कोन दिक....बजाबियौ ,कने गरदनि ,पीठ सहला दियओ ,तुरत्‍ते पनहाएल गाए जँका दूध दूहबए लेल आफनि तोर' लागत ।

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