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Sunday 6 May 2012


डी0एम0 एलै ,ज्‍वाइन केलकइ ,दू -तीन दिन बितेबो केलकइ ,मुदा चपलूस सब के क्‍लू नइ मिललै ,कोनो क्‍लू नइ......नाम केहन त' उमेश कुमार .....बूझियौ ने ई कोन नाम भेलै ,नामक अंत मे न झा ,मिश्र ने सिंह ने यादव ने राम .......आब बात कोना बरहाएल जाए .....कनेक टेस्‍ट त' पता चलै ।शाकाहारी रहतै छल तखन दूध ,दही ,फल,मिष्‍टान्‍न सब भेजिबेतियै आ मांसाहारी क' सॉलिड पता चलै तखन मुर्गा ,बकरा ,मांस ...भेड़ ,सुगर जे पसिन्‍न पड़ै ,मुदा ई सरबा त' कोनो लिंके नइ मिलैत अछि ।विनय बाबू कहैत छथिन जे एकटा बकरा के गरदनि मे बोतल बान्हि के कलेक्‍ट्रेट मे छोडि़ देल जाए ,आ देखल जाए जे ओकरा संग की व्‍यवहार होइत छैक ,किछु आदमी अपन पुरनका किताब ,डायरी सब झाडि़ पोछि रहल छथिन ,पता नइ डी0एम0 कहौं साहित्‍यक प्रेमी होए ,मुदा सब के भरोसा संजय पर छैक ,आ निश्चितरूपेण दू-चारि दिन मे संजय किछ ने किछ पता लगाए के रहतै ,वाह रे संजय.......।आ डी0एम0 एहने खरकट्टल बदमाश कि पता नइ चल' द' रहल छइ कि ओकरा मोन मिजाजि कत' सँ कोन चीज सँ मिलैत छैक ,से वौआ युद्ध जारी छैक......

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