मैथिली साहित्य आ मिथिलाक संस्कृति पर विमर्शक एकटा मंच ।प्राचीन गौरवशाली परंपराक पहचान आ नवीन प्रगतिशील मूल्यक निर्माण लेल एकटा लघु प्रयास ।
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Thursday, 22 March 2012
उदयनाचार्य आ न्यायकुसुमांजलि
प्राचीन नैयायिक ईश्वरक अस्तित्व या सर्वोच्च तत्व पर विस्तार सँ चर्चा नइ करैत छथि ,मुदा पूर्वमध्यकाल मे एकटा खास ऐतिहासिक आ सांस्कृतिक स्थिति उत्पन्न भऽ जाइत अछि आ बौद्धानुयायी लोकनि कऽ मुख्यधारा अज्ञेयवादी सँ अनीश्वरवादी भऽ जाइत छैक । ई विहंगम परिवर्तन वैदिक दर्शनक 'न्याय'धारा के सेहो छूबैत अछि आ ई धारा नवीन ऊर्जाक संग बौद्ध दर्शन पर प्रहार करैत छैक । न्याय दर्शनक ई नव प्रयासक प्रतिनिधि कृति उदयनाचार्य रचित 'न्यायकुसुमांजलि ' अछि । आचार्यक ई ग्रंथ ईश्वरक अनस्तित्व पर नओ महान तर्कक साथ प्रहार करैत अछि आ ईश्वर क'अस्तित्व के असंदिग्ध स्वीकार करबैत अछि ।
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