होली गीतक विश्लेषण
कर्ता -हम ,हम्मर
कर्म - उ ,ओकरा ,तू ,तोहर
करण-हाथ ,आंखि ,ठोर ,पिचकारी(आधुनिक कवि पूरा देह)
संप्रदान-दर्शन ,स्पर्श ,आलिंगन ,गीत ,नृत्य
अपादान -देह ,साड़ी ,आंगी ,चोली (आधुनिक कवि जींस ,स्कर्ट)
अधिकरण -खेत ,छत ,नदीतट ,गाछी ,शहर ,सिनेमा हॉल ,इसकूल ,कॉलेज
परिणाम -देश दुनिया साहिर इन्दीवर के बिसरि गेलइ
बूच ,महेन्दर मिसिर मरि जरि गेलइ
चनद्रमणि सन कतेको मणि एकात भ' गेलइ
आ सरलाहा गीतकार ,गेन्हाइत संगीतज्ञ आ कैसेट मालिकक तीनमहला ठाढ़ भ' गेलइ
होली क' शुभकामना
बहुत नीक व्याकरण ।
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