मैथिली साहित्य आ मिथिलाक संस्कृति पर विमर्शक एकटा मंच ।प्राचीन गौरवशाली परंपराक पहचान आ नवीन प्रगतिशील मूल्यक निर्माण लेल एकटा लघु प्रयास ।
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Wednesday 14 March 2012
शंभू बाबू क' कविता
न्यूटनक सिद्धांत
वस्तु सतत रहै चलायमान
जखन बल करै ने कोनो काम
ई भेल न्यूटनक कोन सिद्धांत
ई भेल न्यूटनक प्रथम सिद्धांत
गमता दर ज्यों बढि़ के भागए
बल ओहि दरें प्रभाव जमाबए
ई भेल न्यूटनक कोन सिद्धांत
ई भेल न्यूटनक द्वितीय सिद्धांत
क्रिया प्रतिक्रिया संग संग आबै
अपन प्रभाव विपरीत जमाबै
ई भेल न्यूटनक कोन सिद्धांत
ई भेल न्यूटनक तृतीय सिद्धांत
व्याख्या-
प्रथम नियम सँ बल के जानू
दोसर सँ अहॉ बल के नापू
क्रिया-प्रतिक्रिया करै पहचान
तेसरे चलबै वायुयान
ई भेल न्यूटनक पूर्ण व्याख्यान ।
पाकल आम
पाकल आम ,पाकल आम
राजा रंक साधु आ दुखिया
समरूपे खाए भरि पथिया
कौआ कुकुरो खाय अघाय
नहि किछु लागै कौड़ी दाम
पाकल आम ,पाकल आम
ठोहि पाडि़ के चीन्नी कानै
हा हमरा कुकुरो नहिं मानै
खाजा मुंगबा नोर चुआबै
नहि लै केओ हमरो नाम
पाकल आम ,पाकल आम
तीमनक लागल सेहो सचार
भात दालि पर रहै अंचार
चोभू एकरा आठो याम
पाकल आम ,पाकल आम
(शंभू नाथ झा ,रिटायर्ड प्रधानाचार्य उच्च विद्यालय वैद्यनाथ पुर ,समस्तीपुर ,मो0 07352400870)
कविता नीक लागै ,तखन मरसैब कें जरूर फोन करब ,ताकि किछु आर कविता हमरा सभ कें प्राप्त भ' सकै ।
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Badd sunder lagal kavita
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