
सूर्यदेव कत' लुप्त भेला
कोन अंतरिक्ष ,मंदाकिनी मे
या जाड़ हुनकेा खेहाड़इ छइ
देखियौ ने कुम्हरबा
मटकूरी नइ बनाबए छइ ।
बनाओत की मटकूरी
घैल चुक्का पातिल तौला
उगता नइ सूर्यदेव
लेब की हम बमभोला ।
तहिना पसरल अन्हार कुहेसा
हड्डियो कंपकंपाइ छइ
बीलटबा सूतलेसूतल
ओछैने पर खाइ छइ ।
रूकल जीवन स्पंदन
गाय भैंस कुकुर बकरी
डोलबए छए गरदनि
डोलबए नांगरि पूछड़ी
कानए बिना नोर
दांत देखबै छै ।
बंद भेलै विद्यालय
बंद कटनी रोपनी
एहन बर्फ भोरो मे
नहा के छुन्नू पंडित
पहिर ओढि़ काजल टीका
तीन कोस जजिमनिका
साइकिल के गरूड़ बूझि
घंटी डोलबैत छइ
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