Followers

Saturday 10 December 2011

जन्‍मदिनक मधुर मंगलकामना टिल्‍लू जी

जन्‍मदिनक मधुर मंगलकामना टिल्‍लू जी ।बहुत दिन सँ अहॉं से बात नइ भ' रहल अछि आ हम प्रयासो केलहुं त' अहॉ व्‍यस्‍त रही ,कखनो टाटा ,कखनो भुवनेश्‍वर ।आइ अहॉक जन्‍मदिन अछि आ अहॉक सभ स्‍वप्‍न सभ प्रतिज्ञा सामने होयत ।भगवान सँ हमर सभक प्रार्थना कि अहॉंक सब कामना फलीभूत हो ।मैथिली भाषा क एकटा पाठक होयबाक नाते हमर ई कामना कि अहॉ सब तरहें मैथिली साहित्‍य के समृद्ध करी ।एकटा कविक पुत्र होयबा क नाते जे दायित्‍व अहॉ क छल से अहॉ लगभग पूरा क देलहुं ,मुदा एकटा लेखक होयबा क नाते अहॉके बहुत किछु करबा क अछि ,ने केवल मात्रा मे बल्कि गुणात्‍मकता मे सेहो ।
अहॉक कविता मे बूच भैया क कविता क छाया देखाइत अछि ,ई जत्‍ते स्‍वाभाविक छैक ,ओतबे अहॉ लेल अपरिहार्य अछि कि अहॉ अपन रस्‍ता बनाबी ।जे ओइ पीढ़ीक दुख छैक ,ई ओकरे छैक आ ओ पीढ़ी जे शिल्‍पक चयन केलकइ ,सेहो ओकरे रहतइ ,नवका पीढ़ी के बेशी नवोन्‍मेषी बनए पड़तए ,तखने ई ज्‍योतिरीश्‍वर आ विद्यापतिक भाषा अपन प्रासंगिकता बनेने रहतइ ।यद्यपि सभ भाषाक अपन अपन संस्‍कार होइत छैक आ ओकर रचनात्‍मकता सेहो इतिहासक कोखि सँ निकलि रहल छैक ,तैयो लोकल किछु नइ रहलइ ।

अहॉक आलोचना भाषा तथ्‍यात्‍मक आ निर्णयात्‍मक रहैत अछि ।तथ्‍यात्‍मकता यद्यपि प्रामाणिकताक अंग बनिके आबैत अछि ,तथापि कखनो कखनो ओ पाठ के बोझिल सेहो बनबैत अछि आ तथ्‍य क बोझ तखन आर बेशी भ' जाइत अछि ,जखन ओ केवल जानकारी क प्रदर्शनक लेल आबैत अछि ।जेना 'गामक जिनगी' पर लिखैत काल अहॉ खूब रास कहानीकारक नाम लिखैत छी । बात केवल अहींके नइ अछि ,प्राय: मैथिली मे नामक गोला चलैत छैक ,आ लेखकक भाषाक स्‍वभाव ,ओकर बनावट पर कम विचार होइत अछि ।तहिना तुलनात्‍मक आलोचनाक मतलब लेखक लोकनि दूटा किताब ,लेखक या उद्धरणांश सँ बूझैत छथिन्‍ह ,तुलनात्‍मक आलोचना के सही बाट देखयबाक जिम्‍मेवारी अहीं सन लेखक के अछि ।ऐतिहासिक आलोचना एखनो महत्‍वपूर्ण अछि ,किएक त' मैथिली साहित्‍यक इतिहास आ विभिन्‍न युग ,लेखक ,क्षेत्र आ प्रवृत्तिक कार्यभागक सही सही मानचित्र अखनो हमरा सभक समक्ष नइ अछि ।समाजशास्‍त्रीय आ उत्‍तर आधुनिक आलोचना क बाते छोड़ू ,एकर त' नामोनिशान अखन मैथिली मे नइ अछि ,मुदा अहॉ सन उद्योगी व्‍यक्ति हमरा समक्ष छथि ,तें आशान्वित छी ,आइ ने काल्हि सब चीज अनुकूल स्‍थान पर मानक रूप मे रहत ।
आइ बस एतबे ,जन्‍मदिनक फेर सॅ मंगलकामना ।अहॉ चिरायु हो ।

No comments:

Post a Comment