गालेगाल पान आ कंठ दारू रहै
नाली मे गीरल सम्हारू रहै
मुह मे ओकर दुनियाजहानक बात
पीठ पर नेसाने-झारू रहै
की हँसै ,की बाजै ,कखनो कानै
की बात-बेबात बजारू रहै
सप्पत बापक भगवानक बाते-बाते
की कहौं कसमकस्स जानमारू रहै
भोर गेलै ओ मन्दिर अछिंजल लेने
सांझ भेटलै डोलैत यार चारू रहै
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