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Tuesday, 29 April 2014

(रूपाली)


 पहिले एतबे बात भेल रहै कि हमर बेटी के देख लिय' ,पसिन्‍न नइ पड़ै त' कोनो बात नइ ।आ छौड़ा नाकुर-नाकुर करइतो देखि एलै आ एकदमे मना क' देलकै ।आब गाम पर दबाब बरह' लागलै ।केओ कहै कि एना कतौ भेलै ,आखिर अहांक इज्‍जत हम्‍मर इज्‍जत ।केओ लड़की वला के सुझाव दै कि जाउ ने बच्‍ची देखिए लेला ,आब दस बारह जोड़ा धोती ढ़ंग सँ रांगि के पहुंचा दिय' ।लेता तैयो नीक ,नइ लेता सार तैयो नीक ।आ धोती हाथ मे देबाक जरूरी नइ ,बस दलान पर फेंकि के आबि जाउ ।
(रूपाली)

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