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Sunday 30 June 2013

मकई जिंदाबाद

मकई क' गाछ क सबसँ ऊपर नाम-नाम फूल
जेना सिपाही क' कनटोप
आ देह पर पसरल हाथ भरिक पात
जेना सिपाहीक डांर पर राखल अस्‍त्र
आ बीत-डेढ़ बीतक बाइल
जेना गस्‍सल गस्‍सल कारतूस
खेत मे सजल लाईन मे गाछ
जेना युद्ध सँ पहिलेक सिपाही
आ हे मिथिले
ई सिपाही मिथिलाक दारिद्रय दुख के लीलिए कें मानत
आ यादि करू पूसा
यादि राखू मसीना
ई थिक मिथिलाक नया खजाना
जत' जनमि रहल मिथिलाक नवपूत सपूत
जत' बाउग भ' रहल
पलटन क पलटन
सेना
जे एकदम कटिबद्ध
दुर्भिक्ष सभक विरूद्ध
आब देखियै ने कते जान कोशी मे
रौदी ,दाही झौंसी मे
जय मिथिला ,जय मसीना ,जय मकई
आ मेंहका चाउर के मुर्दाबाद नइ कहितौ
जिंदाबाद केना कहियै
जखन कि ई हरदम जियेने रहलै
बस एक आना मिथिला के

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