एंह मुंह जे लागै छए ..............सूतल
छथिन ,अजगर तहिने ,होइ छेन जे हमहीं एगो मुनसा छी ,दुनिया देखहीं ने सब तोरा सँ
नीके नीक ।तोरा त’
लाज हेबाक चाही जे तू एहन छही ......ने ढ़ंगक पति ने बाप ......कोनो लूरि नइ ।बड्ड
घमंड जे ऑफिस मे काज करै छी ,आफिस मे के काज नइ करै छैक आ केक्कर स्थिति तोरा सँ
खराब ।सांझ के घर पहुंचबही सात बजे आ जेबी मे एगो पैसा नइ ।देखहीं ने तोरे ऑफिस
मे.....कतेको लोक त’
छए ,केओ तोरा सँ कमजोर छए आ ककरो तोरा सँ कम ओकादि छए.....तू त’ भीखमंगा छहीं ।आइ
केकरो मून खराब हेतै आ तू कटोरी ल’
भीख मांगनै शुरू क’
देबहीं ......तखन तू की देखबै छहीं आ देखबै लेल केवल हमहीं भेटै छियओ ने......हमरे
लग बलबौकारी देखबै छहीं ने ,मुदा हाथ सम्हारि के राख .....कहि दैत छियओ हमरो दू
टा हाथ आ दू टा पैर छए आ हमरो हाथ चलब’
आबैत छैक ।
हम त’ बस अइ दुआरे जी रहल छी जे अइ तीनू के की हेतै ....नइ त’ हम कहिया ने विदा भ’ गेल रहितियइ......आ हमरा तोरा सँ किछो नइ चाही ,तों राक्षसक वंशज छें ...केवल डराब’ आबै छओ ,मारि-पीटक लूरि छओ आ मुनसा हेबाक घमंड..........हम्मर मुंह नइ ताक ....कोनो सेहंता नइ अछि,अइ पनरह साल मे सब किछु जरि के राख भ’ गेल अछि ।केकरा हँसनइ- खेलनइ आ केकरा पहिरनइ-ओढ़नइ......महीने दू महीना मे सब बिला गेलै आ तोहर असलीका फोटो सामने आबि गेलै....।जेखन अपना देह मे आगि लागै छओ सटि के आबि जाइ छें आ शेष समै मे कोन कनियां आ कोन.......।आबो त’ चुप रह बेटा-बेटी नमहर भेलओ ,सब सुनि रहल छओ,अपना बापे जँका बाजिते रहबहीं कि चुप हेबहीं....करमकीट तहिने ।बस बस बस तू अपन बापक असली औलाद छहीं ,ले मार ...मारि ले आ बस प्रतीक्षा कर दस साल आर ।तीनू तैयार भ’ रहल छओ आ हम्मर बदला यैह सब लेतौ..........।
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