Followers

Monday 27 February 2012

तीन पीढ़ी एक साथ

आ मुंह निरारिते रहि गेली बा
अपन तीन सलिया पोता के
एक बीत क छौड़ा
रंगबिरही बात
कखनो ए0बी0सी0डी0
'क' से कबूतर ,'क' से कात
एक दू तीन चारि
देलकइ किताब फाडि़
आ माए ,बाप दूनू प्रशंसा मे लागल
आ बच्‍चा अपन सब विद्या क बाहर करैत
पूरा घमासान
देखबइ देखाबइ आ देखइ लेल
तीन पीढ़ी
पूरा लहूलुहान
तावते बौआ पेंट मे से निकालि
कर' लागलइ सुसु
माए जस्टिफिकेशन दैत कहइ छथिन्‍ह
ओछाइन पर त' कखनो करिते नइ छैक
एमहर बौआ सुसु सँ चित्रकारी करए लागला
बौआ बनब' चाहैत छइ
'क' से कबूतर
मुदा बनि जाइ छैक
अबूझ जटिल बहुव्‍यंजनीय
आधुनिक कोनो चित्र
माए आबिते पीठ पर
दे दनादन धम धम
बचबैत बा अपन पोता के
आहा आहा च'च'च'
बच्‍चा 'क' से कुत्‍ती कहैत
तीनू पीढ़ी लागल छैक अपन अपन काज मे ।

No comments:

Post a Comment