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Sunday 18 December 2011

देश आ गेयर

देश सुस्‍ता रहल छइ
या पनहा रहल छइ
चाही एकरा तेल ग्रीस मोबिल
आ तहिना साहित्‍य आ सम्‍बन्‍धो मे
पहिले हमरा पढ़ैत देखि
मॉ आनइ छली चाय पानि
बाबू तमाकू चूनबैत
चलि जाइत छलाह अकाश सँ आगू
आ कनिया पहिरैत छली चूड़ी ,पायल नि:शब्‍द
झनझनाहट सँ भंग नइ हो हमर ध्‍यान
हवा बिहाडि़ सेहो बहैत छलए पूछि के ।
हमरे खोंखी सँ खोंखियाइ पूरा दुनिया
हमरे सपना सपनाइत उगैत छलइ चान सूरज ।
ओ आर जमाना छलए नेता जी
यादि अछि अहॉ क एक संकेत पर देश बिछ जाइत छलइ
अहॉ मतलब देश आ देश मतलब अहॉ नेताजी
आब दोसरे हवा बहि रहल
सब अपना विषय मे सोचि रहल
स्‍त्री ,सोलकन,जाम्बिया ,भूटान ,लातेहार ,पलामू
सबके पता छइ अपन हित अपन बात
देश ,सम्‍बन्‍ध ,साहित्‍य चढ़ाई पर चलि रहल
 चाही बेशी दम गेयर नम्‍बर चारि
बेशी गति बेशी तेल पानि
या फेर बच्‍चा क वीछियो जँका बढ़ा दियओ लेवेल
धूर्तता ,छल ,धोखाक लेवेल बढ़ब' पड़त
चाही नया नया मुखौटा
मोबिलाइजेशन प्रोपेगंडा
पाखंडक अद्यतन संस्‍करण
दोसरे हवा बहि रहल छैक
 देश दुनिया जागि रहल छइ

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