चिक्कस मे पानि दए काल मे बुद्धि छन्हि ,जानै छथिन सोहारी लेल कत्ते पानि आ पुआ लेल कत्ते ,मुदा कविता लिखै काल बहि जाइत छथिन ।मिथिला पर लिख' लागला त' फलां मिथिला ,चिल्लां मिथिला ,वैह मिथिला ,जैह मिथिला ,अरे मरदे कनि थमि के ,दम धरू ,जग्गह देखि के चिकरियौ ,जग्गह देखि के सम्हरियौ ,जग्गह देखि के पोचकारा दियौ ,आ जग्गहे पर टीटकार .........
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