जखन पूरा राज्य मिलि के पचास लाख रूपया जुटेलकए ,तखन मंत्री जी बड्ड नीक जँका हमरा सब के केबिन मे बैसबैत छलखिन ,आ केवल नौकरिए नइ आन आन चर्चा सब सेहो करैत छलखिन ।कखनो साहित्य ,कखनो दर्शन कखनो फिल्म .....आ राजनीति क' चर्चा त' एकदम नदारद रहै ।मुदा जखन अपन हिस्सा भेंट गेलेन ,तखन हमरा सभक काज मे रूचिक बाते छोड़ू फोनो उठेनए छोडि़ देला। एक दू महीना प्रतीक्षे मे बीतल ,फेर विधानमंडलक कतेको दिन ,सत्र बितैत चलि गेल .......बड हिम्मत केने एक दिन हम दू-चारि आदमी ओहि ठाम पहुंचलउ आ गार्ड के पैर-हाथ पकरैत अंदर गेलौं ।मंत्री जी बहुत गंभीर छला ,ओना पानि-चाय एलै आ चाय पी लेला क' बाद मंत्री जी कहलखिन
'एगो चीज बताबू ,डॉक्टर ओइ ठाम जाइ छियै ,अपन बेमारी बतबै छियै ,डॉक्टरो अपना भरि जांच करैत अछि आ दवाइ लिखैत अछि ,आब ई कहू जे यदि अराम नइ होइत अछि ,दर्द होइते रहत तखन की डॉक्टर सँ फीस वापस मांगबै ? '
'एगो चीज बताबू ,डॉक्टर ओइ ठाम जाइ छियै ,अपन बेमारी बतबै छियै ,डॉक्टरो अपना भरि जांच करैत अछि आ दवाइ लिखैत अछि ,आब ई कहू जे यदि अराम नइ होइत अछि ,दर्द होइते रहत तखन की डॉक्टर सँ फीस वापस मांगबै ? '
No comments:
Post a Comment