ओकरा गाब’ दियौ ,गेबाक आनन्द लिय’ दियौ ,ओकरा पर अपन अपेक्षाक पहाड़ नइ लादियौ ,ओकरा पर उपराष्ट्रीयताक ठप्पा नइ लगाबियौ ,एहन अनेर नइ बाजियौ कि ऊ जीत जाए त’ मिथिला जीत गेलै आ ऊ हारि गेलै त’ मिथिला हारि गेलै ।
निश्चितरूपेण ओकरा मे आगू
जेबाक हिम्मत आ ताकति छैक , मुदा ऐ चीजक लेल तैयार रहियौ कि ऊ जीत गेलै त’ ऊ राष्ट्रीय अपेक्षाक अनुसार अपना आप कें बदलि सकै ।ओकरा
मत दियौ समर्थन दियौ आ ऐ चीजक आर्शीवाद कि ओ समग्र देशक लेल गाबि सकै ।जेना कुनो बोली
राष्ट्रीय बनै छैक त’ ओ आनो बोलीक गुण आ सकारात्मक तत्व ग्रहण करैत छैक आ एक अर्थ मे ई ओइ बोलीक
मृत्यु होइत छैक ,किएक त’ ओ पुरनका पंजर छोडि़ के नया रूप धारण करैत छैक ।तहिना ओ समुच्चा देसक लेल गाबै
,ई शुभकामना ।
बात एहने सन होए कि गायन कला जीतै नइ कि मिथिला ,पंजाब ,महाराष्ट्र या गुजरात ,ओना मॉडर्न बनियौटी एकरा संघर्ष आ क्षेत्रक संघर्ष वला रूप देबाक प्रयास करत ,मुदा हम सब संयमित रही ।आ एतबे धरि नइ मिथिला मे सब तरहक गायनक मुकम्मल परंपरा फेर सँ प्रारंभ होए ,ई नेशान केवल अमता ,बहेड़ी ,दरभंगा आ विद्यापति समारोहे तक सीमित नइ रहै ।ओहुना मैथिली मंच पर राम चतुर मल्लिक कें हूट केनिहार आ दुमका-झुमका कें बढ़ाबा देनिहारक कमी नइ ......
13-04-2017
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