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Monday 23 December 2013

अहांक ध्‍वनि

ओ सोचथिन जे
वौआ के जत्‍ते धमधमेबै
वौआ ओतबे विनम्र हेतै
आ वौआ एहने संकेत पाबि
जोर-जोर सँ परहै
चाहे गणित ,विज्ञान वा इतिहास
आ अंक मे ,प्रकाश मे आ अतीत मे
बिलाइत रहै वौआक अवाज
आ कालक्रम मे वौआ एते विनम्र भेलै
कि झुकि गेलै ओकर डांड़
आ केओ कहै कि कुबरा कत' गेल
आ केओ खोजै धनुषटंकारक दवाइ
आ कनियां कहथिन कि
जेहने सीदहा तेहने गदहा

 आब कनियां के जबाव देबा लेल
'ओ' नइ छथिन
आ इतिहास विज्ञानक अभिभाषण
घूरि-घूरि के आबि रहल छैक
जेना ईनार सँ आपस
अहांक ध्‍वनि

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