हवा मे उधियाइत छलौ तोहर अवाज
लोकपैरिया पर थोपल तोहर पएर
तोरा बिन तोहर गंध
तू नइ छलही कोहबर मे
साक्षी छलै चारा,कोरो आ देवाल
सभक ठोर आंखि मे ओतबे सिनेह
थारी मे आ परसन मे ओतबे अतिरेक
मुदा पता नइ किएक
तोरा बिन सासुरक दिन
बितने नइ बितैत छलैछलै
लोकपैरिया पर थोपल तोहर पएर
तोरा बिन तोहर गंध
तू नइ छलही कोहबर मे
साक्षी छलै चारा,कोरो आ देवाल
सभक ठोर आंखि मे ओतबे सिनेह
थारी मे आ परसन मे ओतबे अतिरेक
मुदा पता नइ किएक
तोरा बिन सासुरक दिन
बितने नइ बितैत छलैछलै
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