मैथिली साहित्य आ मिथिलाक संस्कृति पर विमर्शक एकटा मंच ।प्राचीन गौरवशाली परंपराक पहचान आ नवीन प्रगतिशील मूल्यक निर्माण लेल एकटा लघु प्रयास ।
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Tuesday 21 February 2012
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
एके शब्द के जानू
ओकरा सम्यक् रूप मे जानू
उचित स्थान(ठाम) पर ओकरा राखू
यदि एतबे क' पाबी
तखन ऐ लोक आ परलोक
दूनू ठाम अहांक सभ मनोकामना पूर्ण होयत(पतंजलि)
एक: शब्द: सम्यक् जात:
सुप्रयुक्त: स्वर्ग लोके च कामधुक् भवति:
आ भगवती मिथिला आ मैथिली के फंचारि ,डपोरशंख,कूपमंडूकत्व आ आत्मश्लाघा सँ दूर करथु आ अपनो ठाम नव विचार ,नव साहित्य ,नवदर्शन क जय जय हो ।मैथिली भाषा साहित्ये नइ समाजशास्त्र ,इतिहास ,राजनीति ,विज्ञान आ दर्शनक भाषा बनए ।
अंर्तराष्ट्रीय मातृभाषा दिवसक शुभकामना ।
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आ भगवती मिथिला आ मैथिली के फंचारि ,डपोरशंख,कूपमंडूकत्व आ आत्मश्लाघा सँ दूर करथु आ अपनो ठाम नव विचार ,नव साहित्य ,नवदर्शन क जय जय हो ।मैथिली भाषा साहित्ये नइ समाजशास्त्र ,इतिहास ,राजनीति ,विज्ञान आ दर्शनक भाषा बनए ।
ReplyDeleteअंर्तराष्ट्रीय मातृभाषा दिवसक शुभकामना ।
बहुत नीक विचार ।